हौजा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अल-अजहर विश्वविद्यालय ने फिलिस्तीनी लोगों के अपनी भूमि पर रहने के अधिकार का समर्थन किया, गाजा के पुनर्निर्माण में मिस्र और अरब दुनिया की स्थिति का समर्थन किया, तथा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से गाजा पर आक्रमण को रोकने के लिए व्यावहारिक उपाय करने का आह्वान किया।
बुधवार को जारी अपने बयान में अल-अजहर ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को चेतावनी दी कि वह फिलिस्तीन के संबंध में अपने बयानों में विवेक का प्रयोग करे तथा कहा कि कोई भी पक्ष फिलिस्तीनी लोगों पर ऐसी अव्यावहारिक योजनाएं न थोपे जो उनके अस्तित्व और अधिकारों के विपरीत हों। अल-अजहर ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से फिलिस्तीनियों के अपने देश में एक स्वतंत्र राज्य के रूप में रहने के अधिकार को बनाए रखने का आह्वान किया, जिसकी राजधानी येरुशलम हो।
अल-अजहर ने अरब और मुस्लिम दुनिया के नेताओं, स्वतंत्र लोगों और वैश्विक बुद्धिजीवियों से अपील की कि वे उन षड्यंत्रों के खिलाफ खड़े हों जो फिलिस्तीनी लोगों को अपनी भूमि छोड़ने के लिए मजबूर करने के लिए तैयार किए जा रहे हैं। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय उत्पीड़ितों के प्रति अपना समर्थन वापस ले लेगा, तो विश्व अस्थिर हो जाएगा, जहां शक्तिशाली लोग कमजोरों के अधिकारों को कुचल देंगे।
अल-अजहर ने वैश्विक धार्मिक संस्थाओं से भी आग्रह किया कि वे फिलिस्तीनी लोगों के समर्थन के लिए अपने धार्मिक प्रभाव का उपयोग करें। बयान में कहा गया कि इस अत्याचार पर चुप रहना ईश्वर के समक्ष एक गंभीर जिम्मेदारी होगी, क्योंकि सभी धर्मों का प्राथमिक कर्तव्य उत्पीड़ितों की रक्षा करना है।
बयान के अंत में अल-अजहर ने स्पष्ट किया कि सभी धर्म फिलिस्तीनी लोगों को उनकी भूमि से निष्कासित करने के किसी भी कदम का विरोध करते हैं। विश्व को कानूनों और अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार संचालित होना चाहिए, लेकिन फिलिस्तीन में जो कुछ हो रहा है, वह हमें प्रागैतिहासिक काल के अंधकार युग में वापस ले जा रहा है।
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